हो रयो बाबा की नगरी में
केसर चंदन को छिड़काव
चंदन को छिड़काव
केसर चंदन को छिड़काव
हो रयो बाबा की नगरी मे
केसर चंदन को छिड़काव।।
वाह रे वाह फागण अलबेला
श्याम धनी का भरता मेला
वायु मंडल भया सुनहरा
चाकरियो हूँ श्याम शरण को
मन में मोटो चाव
हो रयो बाबा की नगरी मे
केसर चंदन को छिड़काव।।
मन्दरीये में डम्बर फूट्यो
रूह गुलाब को झरनो छुटो
प्रीत करि सोहि जस लुट्यो
बढभागी मे हुयो अनूठो
दाता को दरसाव
हो रयो बाबा की नगरी मे
केसर चंदन को छिड़काव।।
मेहकण लाग्यो देश धुधांरो
खोल दियो बाबो भंडारो
सुफल होग्यो मिनक जमारो
मैंने यो दिल से सिंगारयो
जैसे भयो लगाव
हो रयो बाबा की नगरी मे
केसर चंदन को छिड़काव।।
श्याम बहादुर शिव फरियादी
श्याम नाम की नीव लगादी
मन मंदिर में ज्योत जगादी
एक झलक अपनी दर्षादी
मिला ह्रदय का भाव
हो रयो बाबा की नगरी मे
केसर चंदन को छिड़काव।।
हो रयो बाबा की नगरी में
केसर चंदन को छिड़काव
चंदन को छिड़काव
केसर चंदन को छिड़काव
हो रयो बाबा की नगरी मे
केसर चंदन को छिड़काव।।