हार के क्यों बैठयो है
श्याम ने पुकार रे
साँची साँची बोलू तने
जीवन संवार ले
साँची साँची बोलू तने
जीवन संवार ले।।
जितना हरोडिया जग में
से को यो सहारो है
लाखो लाखो भक्ता का
संकट टारयो है
कै सोचे बावडा तू
बिगड़ी सुधार दे
साँची साँची बोलू तने
जीवन संवार ले
हार के क्यो बैठयो है
श्याम ने पुकार रे
साँची साँची बोलू तने
जीवन संवार ले।।
बीती बिसार दे तू
सुध ले ले आगे की
अब भी समय है प्यारे
और ले ले बाबा की
शरण पड़िया ने बाबो
करे भव से पार रे
साँची साँची बोलू तने
जीवन संवार ले
हार के क्यो बैठयो है
श्याम ने पुकार रे
साँची साँची बोलू तने
जीवन संवार ले।।
ऐके चरण माहि
घणों सुख पावेलों
श्याम कवे यो मोकों
फिर कदे आवेलों
चार दिना रो जीवन
चरणा में गुजार ले
साँची साँची बोलू तने
जीवन संवार ले
हार के क्यो बैठयो है
श्याम ने पुकार रे
साँची साँची बोलू तने
जीवन संवार ले।।
हार के क्यों बैठयो है
श्याम ने पुकार रे
साँची साँची बोलू तने
जीवन संवार ले
साँची साँची बोलू तने
जीवन संवार ले।।