सेवा कर ले गुरु की, भूले मनुआ।।
ब्रह्मा विष्णु राम लक्ष्मण शिव और नारद मुनि ज्ञानी।
कृष्ण व्यास और जनक ने महिमा, गुरुसेवा की जानी।।
गाथा पढ़ी ले रे गुरु की, भूले मनुआ।। सेवा….
करि सत्संग मेट आपा फिर द्वेष भाव को छोड़ो।
राग द्वेष आशा तृष्णा, माया का बन्धन तोड़ो।।
ये ही भक्ति है शुरु की, भूले मनुआ।। सेवा …
ध्यान करो गुरु की मुरति का, सेवा गुरु चरनन की।
करि विश्वास गुरु वचनों का, मिटे कल्पना मन की।।
कृपा दिखेगी गुरु की, भूले मनुआ।। सेवा….
जो अज्ञानी बना रहा, चौरासी सदा फँसेगा।
संत शरण जाकर के बन्दे ! आवागमन मिटेगा।।
मुक्ति हो जायेगी रूह की, भूले मनुआ।। सेवा….
ॐ