श्याम रखते थे खबर तुम
बेखबर क्यों हो गए
मेरे ये आंसू भी तुम पे
मेरे ये आंसू भी तुम पे
बेअसर क्यों हो गए
श्याम रखतें थे खबर तुम
बेखबर क्यों हो गए।।
फिल्मी तर्ज भजन : होश वालों को खबर क्या।
रहमतों से ही तो तेरी
मेरा ये जीवन चला
तेरी चोखट के भिखारी
दर ब दर क्यों हो गए
मेरे ये आंसू भी तुम पे
मेरे ये आंसू भी तुम पे
बेअसर क्यों हो गए
श्याम रखतें थे खबर तुम
बेखबर क्यों हो गए।।
जब कभी मैंने पुकारा
तुमको पाया हर दफा
साथ तब थे दूर अब तुम
इस कदर क्यों हो गए
मेरे ये आंसू भी तुम पे
मेरे ये आंसू भी तुम पे
बेअसर क्यों हो गए
श्याम रखतें थे खबर तुम
बेखबर क्यों हो गए।।
पाऊं ना दीदार तेरा
मेरा ऐसा दिन ना था
जा के बैठे तुम कहाँ
ओझल नज़र क्यों हो गए
मेरे ये आंसू भी तुम पे
मेरे ये आंसू भी तुम पे
बेअसर क्यों हो गए
श्याम रखतें थे खबर तुम
बेखबर क्यों हो गए।।
तेरी नाराजी को मैं
कैसे संभालू ये बता
फिक्र थी राघव की तुमको
बेफिकर क्यों हो गए
मेरे ये आंसू भी तुम पे
मेरे ये आंसू भी तुम पे
बेअसर क्यों हो गए
श्याम रखतें थे खबर तुम
बेखबर क्यों हो गए।।
श्याम रखते थे खबर तुम
बेखबर क्यों हो गए
मेरे ये आंसू भी तुम पे
मेरे ये आंसू भी तुम पे
बेअसर क्यों हो गए
श्याम रखतें थे खबर तुम
बेखबर क्यों हो गए।।