श्याम की कृपा से
हुआ है नाम मेरा
खुद आकर सांवरिया
करे हर काम मेरा
श्याम की किरपा से।।
श्याम नाम की करूँ चाकरी
मौज में जीवन काटूँ
खुद रसपान करूँ भजनों का
और मैं सबको बाटूँ
श्याम की सेवा का
ये है ईनाम मेरा
खुद आकर सांवरिया
करे हर काम मेरा
श्याम की किरपा से।।
ना सोचा था मुझको कभी
ऐसा दरबार मिलेगा
श्याम प्रेमियों का भी मुझको
इतना प्यार मिलेगा
श्याम के होते कभी
घटे ना मान मेरा
खुद आकर सांवरिया
करे हर काम मेरा
श्याम की किरपा से।।
चाहे हो कोई भी संकट
या फिर मन घबराये
देकर झाड़ा मोरछड़ी का
पल में कष्ट मिटाये
कहे हक़ से शिवम
सहारा श्याम मेरा
खुद आकर सांवरिया
करे हर काम मेरा
श्याम की किरपा से।।
श्याम की कृपा से
हुआ है नाम मेरा
खुद आकर सांवरिया
करे हर काम मेरा
श्याम की किरपा से।।