राधा रानी के चरणों में निकलेगा दम,
बरसाने में ही लूंगी अगला जन्म,
बरसाने में ही होगा हर एक जन्म,
हो राधा रानी के चरणों में निकलेगा दम।।
छोड़ अटारी बैकुंठ न जाऊं,
लाडली लाड निहारु,
देवकृपा त्रिलोकी मुख की,
एक मुस्कान पे वारू,
इनके चरणों से दूर ना जाएगे हम,
हो राधा रानी के चरणों में निकलेगा दम।।
दया करो वृषभानु नंदिनी,
राखो अपनी चेरी,
इस जंजाल से मोहे निकालो,
नाही करो अब देरी,
जग जंजाल से मोहे निकालो,
नाही करो अब देरी,
तुम हो करुणामयी,
मैं हूं तेरी शरण,
हो राधा रानी के चरणों में निकलेगा दम।।
अखियन सों भीतर आ जाओ,
हृदय कुंज बिराजो,
पायल की झंकार से मन में,
अनहद नाद बजा दो,
मेरे मस्तक पर रख दो,
यह कोमल चरण,
हो राधा रानी के चरणों में निकलेगा दम।।
राधे राधे रटते रटते,
बृजवासी बन जाऊं,
हरी दासन की चौखट पा के,
हरी दासी बन जाऊं,
फिर अकेले में बैठी करूंगी भजन,
मेरे मस्तक पर रख दो,
यह कोमल चरण,
हो राधा रानी के चरणों में निकलेगा दम।।
राधा रानी के चरणों में निकलेगा दम,
बरसाने में ही लूंगी अगला जन्म,
बरसाने में ही होगा हर एक जन्म,
हो राधा रानी के चरणों में निकलेगा दम।।