हरियाणवी भजन यो संकट बैरी हो बालाजी जी त मारेगा लिरिक्स
गायक – नरेंद्र कौशिक जी।
यो संकट बैरी हो,
बालाजी जी त मारेगा।।
कदे सिर में कदे दर्द नाड़ मेंं,
चौबीस घंटे भीचुं जाड़ में,
ना छोडे बैरी हो,
बालाजी जी त मारेगा,
यों संकट बैरी हो,
बालाजी जी त मारेगा।।
हाथ पैर में बेड़ी पड़ज्या,
घर रहता कदे बहार लिकड़ज्या,
छिड़गया बैरी हो,
बालाजी जी त मारेगा,
यों संकट बैरी हो,
बालाजी जी त मारेगा।।
मरती नागण ज्युं डोलुं हो,
दुखी हुई झूठ ना बोलुं हो,
मैं होगी भहरी हो,
बालाजी जी त मारेगा,
यों संकट बैरी हो,
बालाजी जी त मारेगा।।
भक्त कपिल तेरे दर लयाया,
कप्तान शर्मा चाह में आया,
संकट बैरी हो,
बालाजी जी त मारेगा,
यों संकट बैरी हो,
बालाजी जी त मारेगा।।
यो संकट बैरी हो,
बालाजी जी त मारेगा।।
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