हरियाणवी भजन ये मंदिर सुने री माँ काली की किलकार बिना लिरिक्स
गायक – नरेंद्र कौशिक जी।
ये मंदिर सुने री,
माँ काली की किलकार बिना,
काली की किलकार बिना,
माँ काली की किलकार बिना,
ये मंदिर सुनै री,
माँ काली की किलकार बिना।।
ना घोर बदन में उठे,
या पल में पेशी टूटे,
या गोदी सुनी री,
माँ काली की किलकार बिना।।
ना संकट काबू आवे,
इस पेडे न कोन खावे,
या चौकी सुनी री,
माँ काली की किलकार बिना।।
या गाल गगन में डोले,
ना मा काली बिन बोले,
ये मंत्र सुने री,
माँ काली की किलकार बिना।।
या नाड घूमती दिखे,
ना मात झूमती दिखे,
या चुनी सुनी री,
माँ काली की किलकार बिना।।
यो देव रोड दुःख पावे,
नरेंद्र कौशिक गावे,
या बुद्धि सुनी री,
माँ काली की किलकार बिना।।
ये मंदिर सुने री,
माँ काली की किलकार बिना,
काली की किलकार बिना,
माँ काली की किलकार बिना,
ये मंदिर सुनै री,
माँ काली की किलकार बिना।।
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