मेरे सांवरे का प्यार सदा
मुझ पर यूँ बरसता रहता है
बंद नैनो से भी मुझको बस
दीदार इन्ही का होता है
मेरे साँवरे का प्यार सदा
मुझ पर यूँ बरसता रहता है।।
फिल्मी तर्ज भजन : मेरे सामने वाली खिड़की।
जिस रोज से इनके दर आए
हम दुःख अपना सब भूल गए
भजनों में इनके यूँ खोए
कही आना जाना भूल गए
अब हर पल मेरे खयालों में
बस श्याम नाम ही रहता है
बंद नैनो से भी मुझको बस
दीदार इन्ही का होता है
मेरे साँवरे का प्यार सदा
मुझ पर यूँ बरसता रहता है।।
दुःख की अब ये औकात नहीं
की छु भी हमको वो पाए
मायूसी अब ना जीवन में
बस हँसे हँसाए और गाए
इनकी कृपा से ना चिंता
ना कोई डर सताता है
बंद नैनो से भी मुझको बस
दीदार इन्ही का होता है
मेरे साँवरे का प्यार सदा
मुझ पर यूँ बरसता रहता है।।
बाबा की शीतल छाया में
मैं सारे ही सुख पाती हूँ
कृष्णा हर पल तेरा शुकर करे
चरणों में शीश नवाती हूँ
अब माया मोह नहीं कोई
धन श्याम नाम का बरसता है
बंद नैनो से भी मुझको बस
दीदार इन्ही का होता है
मेरे साँवरे का प्यार सदा
मुझ पर यूँ बरसता रहता है।।
मेरे सांवरे का प्यार सदा
मुझ पर यूँ बरसता रहता है
बंद नैनो से भी मुझको बस
दीदार इन्ही का होता है
मेरे साँवरे का प्यार सदा
मुझ पर यूँ बरसता रहता है।।