हरियाणवी भजन मेरे घर में थाली बजगी री तेरी दया तं अम्बे
गायक – नरेंद्र जी कौशिक।
मेरे घर में थाली बजगी री,
तेरी दया तं अम्बे।।
मेरी सासड़ घुटी प्यावः,
मेरी सासड़ घुटी प्यावः,
मेरी नणदी कवर झुलावः,
महारः नीम्ब की डाली टंग री,
तेरी दया तं अम्बे,
मेरें घर में थाली बजगी री,
तेरी दया तं अम्बे।।
सब गावं जच्चा जकड़ी,
सब गावं जच्चा जकड़ी,
कोए लयावः झुला तगड़ी,
मेरी सोई किस्मत जग गी री,
तेरी दया तं अम्बे,
मेरें घर में थाली बजगी री,
तेरी दया तं अम्बे।।
जच्चा की जीब चटोरी,
जच्चा की जीब चटोरी,
मन भावः जलेबी पुरी,
मेरे मन की चिंता भग गी री,
तेरी दया तं अम्बे,
मेरें घर में थाली बजगी री,
तेरी दया तं अम्बे।।
मै ओढ़ पीलीया जांऊँ,
मै ओढ़ पीलीया जांऊँ,
मंदिरां में जोत जगाऊँ,
मै तेरी भक्ति मे लग गी री,
तेरी दया तं अम्बे,
मेरें घर में थाली बजगी री,
तेरी दया तं अम्बे।।
अशोक भक्त अज्ञानी,
अशोक भक्त अज्ञानी,
अम्बे की हुई दीवानी,
तुं ह्रदय के महां सजगी री,
तेरी दया तं अम्बे,
मेरें घर में थाली बजगी री,
तेरी दया तं अम्बे।।
मेरे घर में थाली बजगी री,
तेरी दया तं अम्बे।।
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