मेरे खाटू वाले तेरे दीवाने
सारे जहान में
एक बे आजा तू हरियाणे
के करनाल में।।
आओगे जब छप्पन
भोग लगाउंगा
मेरी मां के हाथ का
चूरमा तुम्हे खिलाऊंगा
प्यारे भजन सुनाऊंगा मै
तेरी शान में
एक बे आजा तू हरियाणे
के करनाल में।।
जो वचन दिया मां
अहिलावती को निभा जाओ
हार गया मै खाटू वाले
आ जाओ
तेरे नाम की महिमा गाऊं
इस संसार में
एक बे आजा तू हरियाणे
के करनाल में।।
तेरी सेवा में दिन रात
करूंगा श्याम घनी
सबके भाग बनाए यहां
क्यों देर करी
दास हिमांशु अर्जी लगाए
खाटू धाम में
एक बे आजा तू हरियाणे
के करनाल में।।
मेरे खाटू वाले तेरे दीवाने
सारे जहान में
एक बे आजा तू हरियाणे
के करनाल में।।