मुझे भोले द्वार पे,
बुला लीजिये,
थोड़ा गुनाहगार पे,
दया कीजिये,
मेरी तक़दीर को,
जगा दीजिये,
थोड़ा गुनाहगार पे,
दया कीजिये।।
तुम्हे भूल जाता हूँ,
यही मेरी भूल है,
जो चाहे सजा दो,
मुझे तो कुबूल है,
पड़ा हूँ शरण में,
उठा लीजिये,
थोड़ा गुनाहगार पे,
दया कीजिये।।
तेरे दर पे आ गया हूँ,
सारी दुनिया छोड़ के,
विनय कर रहा हूँ,
दोई हाथ जोड़ के,
बस एक बार दर्शन,
दिखा दीजिये,
थोड़ा गुनाहगार पे,
दया कीजिये।।
अर्धअंग साथ में है,
गौरा महा रानिये,
तीनो लोक जानते है,
तुम हो बड़े दानिये,
दया को खजाना,
लुटा दीजिये,
थोड़ा गुनाहगार पे,
दया कीजिये।।
शंकर की गर्दन में,
नागों के हार है,
चन्द्रमा है शीश पर,
नंदी पे सवार है,
जरा मस्त डमरू,
बजा दीजिये,
थोड़ा गुनाहगार पे,
दया कीजिये।।
कभी भोले भांग के,
नशे में है झूमते,
कभी पीके गांजा,
मरघट में घूमते,
‘पदम्’ शिव को मन मे,
बिठा लीजिये,
थोड़ा गुनाहगार पे,
दया कीजिये।।
मुझे भोले द्वार पे,
बुला लीजिये,
थोड़ा गुनाहगार पे,
दया कीजिये,
मेरी तक़दीर को,
जगा दीजिये,
थोड़ा गुनाहगार पे,
दया कीजिये।।
- महाराज गजानन जी पधारो म्हारे कीर्तन में भजन लिरिक्स
- गणपति गजानंदा रिद्धि सिद्धि प्रदाता है भजन लिरिक्स
- हे गजानंद महाराज घर म्हारे बेगा आ जाओ लिरिक्स
- देवो के देव गणपति को पहले मनाना है लिरिक्स