माना मैं मजबूर हूँ लेकिन,
श्याम मेरा मजबूर नही,
माना खाटू दूर है लेकिन,
खाटू वाला दूर नही।।
खाटू जाऊं या ना जाऊं,
संग संग मेरे चलता है,
इनकी किरपा के बिन मेरा,
पत्ता भी ना हिलता है,
बना मेरी पहचान ये बाबा,
इससे बड़ा गुरुर नही,
माना खाटू दूर है लेकिन,
खाटू वाला दूर नही।।
हर मुश्किल में हर संकट में,
ये एहसास कराता है,
मेरी गोद में बैठा है तो,
काहे को घबराता है,
गिरते हुए को और गिराना,
ये इनका दस्तूर नही,
माना खाटू दूर है लेकिन,
खाटू वाला दूर नही।।
श्याम सहारा श्याम गुजारा,
श्याम ही पालन करता है,
मेरे जीवन का तो बाबा,
तू ही है कर्ता धरता है,
जब तक जिऊँ तेरे नाम का बाबा,
उतरे कभी सुरूर नहीं,
माना खाटू दूर है लेकिन,
खाटू वाला दूर नही।।
माना मैं मजबूर हूँ लेकिन,
श्याम मेरा मजबूर नही,
माना खाटू दूर है लेकिन,
खाटू वाला दूर नही।।