दुर्गा माँ भजन माँ के दर्शन करने मैं आया हूँ भजन लिरिक्स
स्वर – मुकेश बागड़ा।
तर्ज – आज फिर जीने की तमन्ना।
जबसे बुलावा माँ का पाया,
तबसे मनवा मेरा हर्षाया,
मैया के चरणों में शीश झुकाने,
दौड़ा आया,
माँ के दर्शन करने मैं आया हूँ,
माँ की चुनर भी संग में लाया हूँ।।
मैंने सुना है वैष्णो रानी,
करती है भक्तो की रखवाली,
दुखियों को मैया अपने पास बुलाती,
रक्षा करती,
माँ से विनती करने मैं आया हूँ,
माँ की चुनर भी संग में लाया हूँ।।
पर्वत त्रिकूट पर विराजे,
मैया के सिर पर छत्र विराजे,
छल छल बहती यहाँ बाणगंगा,
मन को हरती,
नंगे पैरो से चलकर आया हूँ,
माँ की चुनर भी संग में लाया हूँ।।
मैया ने दानवों को मारा,
देवों को संकट से उबारा,
रण में ललकारे मैया काली बनकर,
संकट हरे,
माँ के जयकारे करता आया हूँ,
माँ की चुनर भी संग में लाया हूँ।।
जबसे बुलावा माँ का पाया,
तबसे मनवा मेरा हर्षाया,
मैया के चरणों में शीश झुकाने,
दौड़ा आया,
माँ के दर्शन करने मैं आया हूँ,
माँ की चुनर भी संग में लाया हूँ।।
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