महादेव लहरी रे डोकरा,
भोलानाथ लहरी,
जटा मुकुट में गंगा बिराजे,
बंसी बाजे गेरी।।
राम ने लक्ष्मण जी दोनों,
राघ व्हेन सेडी,
हनुमान सा पायक उनके,
लंका ने जाली डोकरा,
भोलानाथ लहरी,
जटा मुकुट में गंगा बिराजे,
बंसी बाजे गेरी।।
अकबर पहरी पैगंबर पहरी,
मुंड मालधारी,
नांदिये असवारी बाबो,
तीन लोक रे माही,
अकड़बम भोलानाथ लहरी,
जटा मुकुट में गंगा बिराजे,
बंसी बाजे गेरी।।
तीन लोक और चौदह भवन में,
है माया थारी,
हेमनाथ बैरागी बोले,
लाज राखजो म्हारी,
अकड़बम भोलानाथ लहरी,
जटा मुकुट में गंगा बिराजे,
बंसी बाजे गेरी।।
महादेव लहरी रे डोकरा,
भोलानाथ लहरी,
जटा मुकुट में गंगा बिराजे,
बंसी बाजे गेरी।।