हरियाणवी भजन मने बता दे कुंडी सोटा ठावण का के लेगी
गायक – कृष्ण जुआं वाले
मने बता दे कुंडी सोटा,
ठावण का के लेगी,
ठाकै कुंडी सोटा घोटा,
लावण का के लेगी।।
भांग बिना मनै सरता कोन्या,
तूं जाने सै सारी,
मैं टेंशन मैं ऊपर तै या,
तेरी मरोड़ से भारी,
दिल की प्यारी आज मेरे,
मन भावण का के लेगी,
ठाकै कुंडी सोटा घोटा,
लावण का के लेगी।।
हम फक्कड़ अवधूत महात्मा,
कोई कहे सै योगी,
जिसका कोई इलाज नहीं,
हम राम नाम के रोगी,
तूं बतलावण जोगी टहल,
बजावण का के लेगी,
ठाकै कुंडी सोटा घोटा,
लावण का के लेगी।।
एक बार जो नशा चढ़ै तो,
चढै गात मैं मस्ती,
इस मस्ती तै अमृत की,
वर्षा दिन रात बरसती,
एक ज्योत जो चसती,
दर्शन करावण का के लेगी,
ठाकै कुंडी सोटा घोटा,
लावण का के लेगी।।
कदे कदे जब नशा उतरज्या,
मैं हरिद्वार मैं जाता,
नीलकंठ की पहाड़ी पै,
भक्तां नै दर्श कराता,
जन्म जन्म का नाता इनै,
निंभावण का के लेगी,
ठाकै कुंडी सोटा घोटा,
लावण का के लेगी।।
एक भगत मनै प्यारा लागै,
कृष्ण जुएं आला,
धोला भगत सोनीपत में,
भक्ति का सै चाला,
विनोद भगत नै ढाला,
भजन सुणावण का के लेगी,
ठाकै कुंडी सोटा घोटा,
लावण का के लेगी।।
मने बता दे कुंडी सोटा,
ठावण का के लेगी,
ठाकै कुंडी सोटा घोटा,
लावण का के लेगी।।
- बोल भक्त बोल तन्नै क्युकर याद करया
- मैरे सतगुरू देव मुरारी हो मन्नै चाहिए दया तुम्हारी हो
- तेरी तेल की ज्योत जगादी काली आवैगी के ना
- पंचमुखी रूप दिखाइए हो ज्योत पे भजन लिरिक्स
- मेरा तो बस एक सहारा राम ए माँ भजन लिरिक्स