भज मन कृष्ण कन्हैया
नैया पार हो जाए
लख चौरासी से तेरा तो
उद्धार हो जाए।।
फिल्मी तर्ज भजन : छुप गए सारे नज़ारे।
दुनिया में आया
उसे क्यों भुलाया
क्यों खुद पे जुल्म है ढाया
झूठे रिश्तो में तू तो लुभाया है
यहाँ अपना ना कोई पराया है
इन बातों पे तुझको जब
ऐतबार हो जाए
लख चौरासी से तेरा तो
उद्धार हो जाए।।
हरी गुण गाले
प्रभु को रिझा ले
तू दिल में इसे बसा ले
वो जो दिल में तेरे बस जाएगा
फिर तो मस्ती गोते तू लगाएगा
जीवन की बगिया तेरी
गुलजार हो जाए
लख चौरासी से तेरा तो
उद्धार हो जाए।।
छोड़ के जाना
ये जग है बेगाना
किसी का यहाँ ना ठिकाना
यही मौका है श्याम सुमर ले तू
नाम धन से ये झोली तेरी भर ले तू
सिर पर पापो का हल्का
जब भार हो जाए
लख चौरासी से तेरा तो
उद्धार हो जाए।।
मुरली वाला है जग से निराला
तू बन इसका मतवाला
ज्यों ज्यों इसके निकट तुम आओगे
अपनी चाहत बुलंद कर पाओगे
प्रीतम प्यारे से बिन्नू
जब प्यार हो जाए
लख चौरासी से तेरा तो
उद्धार हो जाए।।
भज मन कृष्ण कन्हैया
नैया पार हो जाए
लख चौरासी से तेरा तो
उद्धार हो जाए।।