भगतों की नैया श्याम चलाता है
पल भर में दौड़ा दौड़ा आता।।
जब कोई साथ नहीं दे दुनिया में
पकडे ना हाथ कोई इस दुनिया में
ऐसे में श्याम हाथ बड़ाता है
हारे को मेरा श्याम जिताता है
भगतो की नैया श्याम चलाता है
पल भर में दौड़ा दौड़ा आता।।
रिश्ते नातो की झूटी कहानी है
सच्चा इस जग में शीश का दानी है
दिल में इसको जो भी दिखलाता है
उसका ये खुद साथी बन जाता है
भगतो की नैया श्याम चलाता है
पल भर में दौड़ा दौड़ा आता।।
कितने ही तूफा आये जीवन में
रखना भरोसा बाबा का मन में
बिगड़ी किस्मत को श्याम बनाता है
राजू का श्याम से गहरा नाता है
भगतो की नैया श्याम चलाता है
पल भर में दौड़ा दौड़ा आता।।
भगतों की नैया श्याम चलाता है
पल भर में दौड़ा दौड़ा आता।।