बैठ्यो सज के
रे बाबो बैठ्यों सज के
फागण को आयो मेलो
श्याम म्हारो बैठ्यों सज के।।
रंग बिरंगा बागा पहने
गजब फुलां रो हार
शीश पे मुकुट विराजे लागे
सोणों लखदातार
फागण में खूब सज्यो है सांवरो
यो बैठ्यों सज के।।
जो भी फागण मेले आवे
लेके दरश की आस
देख छवि मनुहारी प्यारी
आवे सांस में सांस
फागण को आयो मेलो
श्याम म्हारो बैठ्यों सज के।।
पकड़ उंगली टाबरिया की
घूमूं सारो मेलो
घर वाले भी राजी होवे
लागे चोखो मेलो
फागण में खूब सज्यो है सांवरो
यो बैठ्यों सज के।।
खाटू के मेले की देखो
हो री दुनिया दीवानी
राकेश कदी ना चुके मेलो
कर जो मेहरबानी
फागण को आयो मेलो
श्याम म्हारो बैठ्यों सज के।।
बैठ्यो सज के
रे बाबो बैठ्यों सज के
फागण को आयो मेलो
श्याम म्हारो बैठ्यों सज के।।