गणेश भजन बेगा सा पधारो जी सभा में म्हारे आओ गणराज भजन लिरिक्स
तर्ज – हुस्न पहाड़ों का।
बेगा सा पधारो जी,
सभा में म्हारे आओ गणराज,
थे बेगा पधारो जी।।
भक्त खड़े था की बाट निहारे,
भक्त खड़े था की बाट निहारे,
भव सागर से क्यों नहीं तारे,
भव सागर से क्यों नहीं तारे,
भव सागर से क्यों नहीं तारे,
देर ना लगाओ जी,
सभा में म्हारे आओ गणराज,
थे बेगा पधारो जी।।
विघन विनायक रूप तिहारो,
विघन विनायक रूप तिहारो,
मेरे गणपति कष्ट निवारो,
मेरे गणपति कष्ट निवारो,
मेरे गणपति कष्ट निवारो,
हमको तारो ना,
सभा में म्हारे आओ गणराज,
थे बेगा पधारो जी।।
‘अवि’ की नैया पार लगाओ,
भक्तों की नैया पार लगाओ,
राग पहाड़ी में विनती गायो,
राग पहाड़ी में विनती गायो,
राग पहाड़ी में विनती गायो,
सुर को सम्भालो ना,
सभा में म्हारे आओ गणराज,
थे बेगा पधारो जी।।
बेगा सा पधारो जी,
सभा में म्हारे आओ गणराज,
थे बेगा पधारो जी।।
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