हरियाणवी भजन बालाजी मेरे मन में बसगे राम बाट तेरे आवण की रह री
गायक – नरेंद्र कौशिक जी।
बालाजी मेरे मन में बसगे राम,
बाट तेरे आवण की रह री।।
तेरे जैसा ना राम पुजारी,
एक ब आजा शिव अवतारी,
बाट तेरे दर्शन की रह री,
बालाजी मेरें मन में बसगे राम,
बाट तेरे आवण की रह री।।
मेहंदीपुर में तेरा ठिकाना,
सालासर में तेरा ठिकाना,
भक्तों का लगै आना जाना,
बाट तेरे हर्षण की रह री,
बालाजी मेरें मन में बसगे राम,
बाट तेरे आवण की रह री।।
संकट बैरी घणा स ढ़ीठा,
एक ब आके लादे छिटा,
बाट तेरे बरसण की रह री,
बालाजी मेरें मन में बसगे राम,
बाट तेरे आवण की रह री।।
‘नरैंदर कोशिक’ महिमा गावे,
राज पाल दरबार लगावे,
बाट तेरे आवण की रह री,
बालाजी मेरें मन में बसगे राम,
बाट तेरे आवण की रह री।।
बालाजी मेरे मन में बसगे राम,
बाट तेरे आवण की रह री।।
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