बाबा की तस्वीर मैं
ऐसी बनाउंगी
जैसे बैठे खाटू में
वैसे दिखलाऊँगी
बाबा की तस्वीर मै।।
मेरे मन के मंदिर में
उनका आसन है
इन सांसों में उसी नाम
की धड़कन है
श्याम नाम रंग में
मैं तो रंग जाउंगी
जैसे बैठे खाटू में
वैसे दिखलाऊँगी
बाबा की तस्वीर मै।।
हट जाएगा दीवारों का
सारा सूनापन
हर कोने में होंगे
बाबा के दर्शन
सपना पूरा करके
मैं तो दिखलाऊँगी
जैसे बैठे खाटू में
वैसे दिखलाऊँगी
बाबा की तस्वीर मै।।
मेरा घर भी बन जायेगा
छोटा सा एक धाम
आकर करेंगे यहाँ
बाबा को प्रणाम
अँधियारा मैं घर का
दूर भगाऊँगी
जैसे बैठे खाटू में
वैसे दिखलाऊँगी
बाबा की तस्वीर मै।।
बाबा की तस्वीर मैं
ऐसी बनाउंगी
जैसे बैठे खाटू में
वैसे दिखलाऊँगी
बाबा की तस्वीर मै।।