बांके बिहारी की देख छटा,
मेरो मन है गयो लटा पटा।।
कब से खोजू बनवारी को,
बनवारी को गिरधारी को,
कोई बता दे उसका पता,
मेरो मन है गयो लटा पटा।।
मोर मुकुट श्यामल तन धारी,
कर मुरली अधरन सजी प्यारी,
कमर में बांदे पीलो पटा,
मेरो मन है गयो लटा पटा।।
पनिया भरन यमुना तट आई,
बीच में मिल गए कृष्ण कन्हाई,
फोड़ दियो पानी को घटा,
मेरो मन है गयो लटा पटा।।
टेढ़ी नजरे लट घुंघराली,
मार रही मेरे दिल पे कटारी,
और श्याम वरण जैसे कारी घटा,
मेरो मन है गयो लटा पटा।।
मिलते है उसे बांके बिहारी,
बांके बिहारी स्नेह बिहारी,
राधे राधे जिस ने रटा,
मेरो मन है गयो लटा पटा।।
बांके बिहारी की देख छटा,
मेरो मन है गयो लटा पटा।।