दुर्गा माँ भजन फूल भी न माँगती हार भी न माँगती भजन लिरिक्स
फूल भी न माँगती,
हार भी न माँगती,
माँ तो बस भक्तो का,
प्यार माँगती,
बोलो जय माता दी,
बोलो जय माता दी,
जय माता दी भक्तो का,
प्यार माँगती,
बोलो जय माता दी।।
जय जगदम्बे, जय जगदम्बे,
जय जगदम्बे, जय जगदम्बे।
ऊँचे ऊँचे पर्वतो पे,
डेरा मेरी माई का,
जग है दीवाना है,
सारा जग की सहाई का,
चढ़ावे को ना माँगती,
दिखावे को ना माँगती,
माँ तो बस भक्तो का,
प्यार माँगती,
बोलो जय माता दी।।
जय जगदम्बे, जय जगदम्बे,
जय जगदम्बे, जय जगदम्बे।
मेरी महामाया की तो,
माया ही निराली है,
बिना मांगे दे दे वो तो,
ऐसी महामाई है,
पूजा भी ना माँगती,
पाठ भी ना माँगती,
माँ तो बस भक्तो का,
प्यार माँगती,
बोलो जय माता दी।।
जय जगदम्बे, जय जगदम्बे,
जय जगदम्बे, जय जगदम्बे।
प्रेम से बुलाओ तो वो,
दौड़ी चली आती है,
पल में ही मेहरा वाली,
बिगड़ी बनाती है,
फूल भी न माँगती,
हार भी न माँगती,
माँ तो बस भक्तो का,
प्यार माँगती,
बोलो जय माता दी।।
जय जगदम्बे, जय जगदम्बे,
जय जगदम्बे, जय जगदम्बे।
फूल भी न माँगती,
हार भी न माँगती,
माँ तो बस भक्तो का,
प्यार माँगती,
बोलो जय माता दी,
बोलो जय माता दी,
जय माता दी भक्तो का,
प्यार माँगती,
बोलो जय माता दी।।
जय जगदम्बे, जय जगदम्बे,
जय जगदम्बे, जय जगदम्बे।
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