ना कोई काम बिगड़ पाया
ना कोई मुश्किल का साया
जबसे थामा तेरा हाथ
ओ मेरे श्याम
जहाँ देखूं जिधर देखूं
मुझे बस तू ही नज़र आया
बस रखना सर पर हाथ
ओ मेरे श्याम।।
जमाने भर ने ठुकराया
कोई अपना ना पास आया
झूठे रिश्ते झूठे नाते
कैसी है तेरी माया
जबसे नाम तेरा गाया
जीवन में हर सुख आया
बस रहना यूँ ही साथ
ओ मेरे श्याम।।
हाजिरी इक पल की लेता
गुज़ारा जीवन भर देता
ऐसा मालिक जगत में तो
हमने नहीं है देखा
समर्पण भाव जो लाया
श्याम का सेवक कहलाया
हारे का देता साथ
ये मेरा श्याम।।
संकट जब मुझपे आया
अँधेरा जमकर के छाया
निराशा हाथ लगी सबसे
तब तुझको आज़माया
सवेरा प्यार का लाया
हर उलझन को सुलझाया
और पकड़ा मेरा हाथ
ओ मेरे श्याम।।
ना कोई शक अब है आता
ना कोई शिकवा भरमाता
चरण चाकर अनिल तेरा
हर दम बस है गाता
तेरा एहसान जो पाया
तेरे गुणगान की माया
अब गुज़रे यूँ ही दिन रात
ओ मेरे श्याम।।
ना कोई काम बिगड़ पाया
ना कोई मुश्किल का साया
जबसे थामा तेरा हाथ
ओ मेरे श्याम
जहाँ देखूं जिधर देखूं
मुझे बस तू ही नज़र आया
बस रखना सर पर हाथ
ओ मेरे श्याम।।