हरियाणवी भजन नाथ का चिमटा बाजे री सुन बाच्छल थारे बाग में लिरिक्स
गायक – मुकेश जी शर्मा।
नाथ का चिमटा बाजे री,
सुन बाच्छल थारे बाग में,
हे बाच्छल थारे बाग में,
सुन बाच्छ्ल थारे बाग में।।
नाथा कि जमात आई,
बाच्छ्ल थारे बाग,
बाच्छ्ल थारे बाग,
शिव अवतारी गोरख,
बाबा बैठे साथ में,
बाबा बैठे साथ में,
हे भाग हुडे सोते जागे री,
सुन बाच्छ्ल थारे बाग में।।
धुने ऊपर गोरख बाबा,
बैठे बैठे ध्यान करे,
बैठे बैठे ध्यान करे,
चौदासौ चेले उनके,
हरी गुणगान करे,
हरी गुणगान करे,
हे नाथ किसे जम के नाचे री,
सुन बाच्छ्ल थारे बाग में।।
पैरा में खड़ाऊ और,
चिमटा स हाथ री,
चिमटा स हाथ री,
सोने की दु दम दम दमके,
नाथ जी का गात री,
नाथ जी का गात री,
हो माथे पे चाँद सजाया री,
सुन बाच्छ्ल थारे बाग में।।
गुरु भगति से हर दम,
होते बेड़े पार री,
होते बेड़े पार री,
राजबीर का चेला ये,
विकास के दातार री,
विकास के दातार री,
हो मुकेश का गाना बाजे री,
सुन बाच्छ्ल थारे बाग में।।
नाथ का चिमटा बाजे री,
सुन बाच्छल थारे बाग में,
हे बाच्छल थारे बाग में,
सुन बाच्छ्ल थारे बाग में।।
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