नज़र ना आते क्यों
ओ मेरे श्याम
मुझे तड़पाते क्यों
ओ मेरे श्याम
हारता जा रहा सुबह शाम
नज़र ना आते क्यूँ
ओ मेरे श्याम।।
फिल्मी तर्ज भजन: नज़र के सामने जिगर के।
कैसे बीते इतने दिन
पूछो मेरे दिल से
समझाया इसको मैंने
खुद ही बड़ी मुश्किल से
एक बार देख लूँ
आए दिल को आराम
नज़र ना आते क्यूँ
ओ मेरे श्याम
मुझे तड़पाते क्यों
ओ मेरे श्याम
हारता जा रहा सुबह शाम
नज़र ना आते क्यूँ
ओ मेरे श्याम।।
मुझको ये मालूम है बाबा
तुम भी तड़पते होगे
अपने प्रेमी से मिलने को
राहें तकते होंगे
बात गर है सही
तो बुला लो खाटू धाम
नज़र ना आते क्यूँ
ओ मेरे श्याम
मुझे तड़पाते क्यों
ओ मेरे श्याम।।
हर ग्यारस पे ठाकुर मेरे
एक ख़याल है आया
ऐसी गलती क्या कर दी
जो हमको नहीं बुलाया
टूट जाऊं ना कहीं
थाम लो मेरा हाथ
नज़र ना आते क्यूँ
ओ मेरे श्याम
मुझे तड़पाते क्यों
ओ मेरे श्याम।।
हमने सुना है बाबा तुम तो
हो हारे के सहारे
नाव मेरी मझधार सांवरे
कर दो इसको किनारे
मेरे अपने भी कन्हैया
आये ना मेरे काम
नज़र ना आते क्यूँ
ओ मेरे श्याम
मुझे तड़पाते क्यों
ओ मेरे श्याम।।
नज़र ना आते क्यों
ओ मेरे श्याम
मुझे तड़पाते क्यों
ओ मेरे श्याम
हारता जा रहा सुबह शाम
नज़र ना आते क्यूँ
ओ मेरे श्याम।।
Singer : Ashish Srivastava