दरबार में खाटू वाले के
दुःख दर्द मिटाए जाते है
गर्दिश के सताए लोग यहाँ
सिने से लगाए जाते है
दरबार में खाटु वाले के
दुःख दर्द मिटाए जाते है।।
फिल्मी तर्ज भजन : जिस भजन में राम का।
ये महफ़िल है मतवालों की
हर भक्त यहाँ मतवाला है
भर भर के जाम इबादत के
यहाँ खूब पिलाए जाते है
दरबार में खाटु वाले के
दुःख दर्द मिटाए जाते है।।
जिन भक्तों पे ऐ जग वालों
है खास इनायत इस दर की
उनको ही बुलावा आता है
दरबार बुलाए जाते है
दरबार में खाटु वाले के
दुःख दर्द मिटाए जाते है।।
किस्मत के मारे कहाँ रहे
जिनका ना ठोर ठिकाना है
जो श्याम शरण में आते है
पलकों पे बिठाए जाते है
दरबार में खाटु वाले के
दुःख दर्द मिटाए जाते है।।
मत घबराओ ऐ जग वालों
इस दर पे शीश झुकाने से
जिनका भी झुका है शीश यहाँ
मुकाम वो ऊँचा पाते है
दरबार में खाटु वाले के
दुःख दर्द मिटाए जाते है।।
दरबार में खाटू वाले के
दुःख दर्द मिटाए जाते है
गर्दिश के सताए लोग यहाँ
सिने से लगाए जाते है
दरबार में खाटु वाले के
दुःख दर्द मिटाए जाते है।।