राम भजन दया की आस में भगवन तेरे दरबार आया हूँ भजन लिरिक्स
Singer – Dhiraj Kant Ji
तर्ज – अवध में राम आए है।
दया की आस में भगवन,
तेरे दरबार आया हूँ,
बना लो दास मुझको भी,
बहुत लाचार आया हूँ,
दया की आस मे भगवन,
तेरे दरबार आया हूँ।।
सुना हूँ तुम गरीबों के,
सदा उद्धार करते हो,
सदा उद्धार करते हो,
तो हाजिर हूँ गरीबों के,
स्वयं सरदार आया हूँ,
दया की आस मे भगवन,
तेरे दरबार आया हूँ।।
अगर तुम दीन के दाता,
तो मेरी दीनता सुन लो,
तो मेरी दीनता सुन लो,
जगत के मोह में डूबा,
मैं एक गुनेहगार आया हूँ,
दया की आस मे भगवन,
तेरे दरबार आया हूँ।।
है ‘सच्चिदानंद’ की विनती,
प्रभु स्वीकार कर लेना,
प्रभु स्वीकार कर लेना,
सदा ‘धीरज’ को शरणागत,
मिले सरकार आया हूँ,
दया की आस मे भगवन,
तेरे दरबार आया हूँ।।
दया की आस में भगवन,
तेरे दरबार आया हूँ,
बना लो दास मुझको भी,
बहुत लाचार आया हूँ,
दया की आस मे भगवन,
तेरे दरबार आया हूँ।।
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