दया कर दान विद्या का,
श्लोक – ॐ असतो मा सद्गमय,
तमसो मा ज्योतिर्गमय,
मृत्योर्मा अमृतम्गमय।
दया कर दान विद्या का,
हमें परमात्मा देना,
दया करना हमारी आत्मा में,
शुद्धता देना।।
हमारे ध्यान में आओ,
प्रभु आंखों में बस जाओ,
अंधेरे दिल में आकर के,
परम ज्योति जगा देना।।
बहा दो ज्ञान की गंगा,
दिलों में प्रेम का सागर,
हमें आपस में मिलजुल कर,
प्रभु रहना सिखा देना।।
हमारा धर्म हो सेवा,
हमारा कर्म हो सेवा,
सदा इमान हो सेवा,
व सेवक जन बना देना।।
वतन के वास्ते जीना,
वतन के वास्ते मरना,
वतन पर जां फिदा करना,
प्रभु हमको सिखा देना।।
दया कर दान विद्यां का,
हमें परमात्मा देना,
दया करना हमारी आत्मा में,
शुद्धता देना।।
श्लोक – ओम सहनाववतु,
सहनौभुनक्तु,
सह वीर्यम करवावहै,
तेजस्वी नावधी तमस्तु,
मांविद्विषावहे।
ओम शांति: शांति: शांति:
- bhajans Lyrics in hindi | New lyrics bhajns
- कैलाश पुरी से चाल के शिव नन्द महर घर आयो लिरिक्स
- पलट सुदामा देखन लागे कित गई मोरी टपरिया रे लिरिक्स
- धन्य भाग सेवा का अवसर पाया भजन लिरिक्स
- जन्मदिन बाबोसा का आया भजन लिरिक्स
- मोदी और योगी ने कमाल कर दिया लिरिक्स
- हमको चुरू धाम बुलाया मेहरबानी आपकी लिरिक्स
- कंकर कंकर बना है शंकर माँ तेरे प्रताप से नर्मदा भजन लिरिक्स