तेरे बिना श्याम
हमारा नहीं कोई रे
हमारा नहीं कोई रे
सहारा नहीं कोई रे
तेरें बिना श्याम
हमारा नहीं कोई रे।।
अमुवा की डाली पे
पिंजरा टंगाया
उड गया सूवा
पढ़ाया नहीं कोई रे
तेरें बिना श्याम
हमारा नहीं कोई रे।।
गहरी गहरी नदियाँ
नाव पुरानी
डूबण लागी नाव
बचाया नहीं कोई रे
तेरें बिना श्याम
हमारा नहीं कोई रे।।
भाई और बंधू
कुटुम्ब कबीलो
बिगड़ी जो बात
बनाया नहीं कोई रे
तेरें बिना श्याम
हमारा नहीं कोई रे।।
कहत कबीर
सुनो भाई साधो
गुरु बिन ज्ञान
सिखाया नहीं कोई रे
तेरें बिना श्याम
हमारा नहीं कोई रे।।
तेरे बिना श्याम
हमारा नहीं कोई रे
हमारा नहीं कोई रे
सहारा नहीं कोई रे
तेरें बिना श्याम
हमारा नहीं कोई रे।।
Singer/स्वर- संजय मित्तल जी।