दुर्गा माँ भजन तेरे दर पे माँ जिंदगी मिल गई है पन्ना सिंह लख्खा भजन…
तर्ज – नहीं चाहिए दिल दुखाना किसी का।
तेरे दर पे माँ,
जिंदगी मिल गई है,
मुझे दुनिया भर की,
ख़ुशी मिल गई है,
तेरे दर पे माँ,
जिंदगी मिल गई है।।
जमाने से जो ना मिला,
तुमसे पाया,
भटकता हुआ जब मै,
तेरे दर पे आया,
जो दिल में थी हसरत,
वही मिल गई है,
तेरे दर पे मॉ,
जिंदगी मिल गई है।।
दुखो का शिकंजा,
कसा जा रहा था,
अंधेरो में जीवन,
फसा जा रहा था,
यही राह फिर से,
सही मिल गई है,
तेरे दर पे मॉ,
जिंदगी मिल गई है।।
ये चर्चे है तीनो,
जहाँ में तुम्हारे,
अगर कोई दर पे,
झोली पसारे,
कहो चीज क्या जो,
नहीं मिल गई है,
तेरे दर पे मॉ,
जिंदगी मिल गई है।।
तेरे दर पे मॉ,
जिंदगी मिल गई है,
मुझे दुनिया भर की,
ख़ुशी मिल गई है,
तेरे दर पे मॉ,
जिंदगी मिल गई है।।
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