जो रावण ने सीता चुराई ना होती,
तो हनुमत ने लंका जलाई ना होती,
तो हनुमत ने लंका जलाई ना होती,
जो रावण ने सीता।।
वो पंडित था ज्ञानी ब्रम्हा का प्यारा,
सीताजी की खातिर गया वो भी मारा,
रघुवर ने शक्ति दिखाई ना होती,
तो रावण ने मुक्ति पाई ना होती,
जो रावण ने सीता।।
लंका से लाए सीता ये रघुवर की ईच्छा,
सीताजी ले ली फिर अग्नि परीक्षा,
राम लखन संग सीता आई ना होती,
तो घर घर दिवाली मनाई ना होती,
जो रावण ने सीता।।
धोबी और धोबिन ने किया है फजीता,
त्यागी है रघुवर ने प्यारी वो सीता,
पति की जो बात सीता निभाई ना होती,
तो धरती में सीता समाई ना होती,
जो रावण ने सीता।।
जो रावण ने सीता चुराई ना होती,
तो हनुमत ने लंका जलाई ना होती,
तो हनुमत ने लंका जलाई ना होती,
जो रावण ने सीता।।
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