जीव ना भरयो मेरो
मन ना भरयो
थोड़ी सी देर डट जा
म्हारो जीव ना भरयो।।
इतनी उतावल थारे
क्या की कन्हैया
कुछ तो दया कर
बंसी बजैया
सावन निर्क्या होसी
कालजो हर्यो
थोड़ी सी दर डाट जा
मारो जीव ना भरयो।।
मैं आतो तो मेरो
जी क्यों तरसतो
मन पंछी क्यों
तेरे से फंसते
चलो मत ना जाये थासे
जिव है लड़यो
थोड़ी सी दर डाट जा
मारो जीव ना भरयो।।
तू या छेड़ छाड़
कठसे सीखी
ज्योत जगाऊं तेरे
देशी घी की
मत ना तू सांवरा
दिखावे नखरों
थोड़ी सी दर डाट जा
मारो जीव ना भरयो।।
श्याम बहादुर तू तो
शिव है मिजाजी
कराके मनवाना भी
तू होजा राजी
कई दिन पीछे फेरु
काम है पड्यो
थोड़ी सी दर डाट जा
मारो जीव ना भरयो।।
जीव ना भरयो मेरो
मन ना भरयो
थोड़ी सी देर डट जा
म्हारो जीव ना भरयो।।