राम भजन जिनके हृदय सिया राम बसे भजन लिरिक्स
स्वर – पंडित श्री आनंद जी महाराज।
जिनके हृदय सिया राम बसे,
तिन्ह और को नाम लियो ना लियो,
जिनके हृदय सिया राम बसें।।
जिनके द्वारे श्री गंग बहे,
जिनके द्वारे श्री गंग बहे,
तिन्ह कूप को नीर पियो ना पियो,
तिन्ह कूप को नीर पियो ना पियो,
जिनके हृदय सिया राम बसें।।
जिन्ह मात पिता की सेवा करी,
जिन्ह मात पिता की सेवा करी,
तिन्ह तीरथ दान कियो ना कियो,
तिन्ह तीरथ दान कियो ना कियो,
जिनके हृदय सिया राम बसें।।
जिन्ह सेवा टहल साधुन की करी,
जिन्ह सेवा टहल साधुन की करी,
तिन्ह योग और ध्यान कियो ना कियो,
तिन्ह योग और ध्यान कियो ना कियो,
जिनके हृदय सिया राम बसें।।
श्री तुलसीदास विचार करे,
श्री तुलसीदास विचार करे,
कपटी अस मित्र कियो ना कियो,
कपटी अस मित्र कियो ना कियो,
जिनके हृदय सिया राम बसें।।
जिनके हृदय सिया राम बसे,
तिन्ह और को नाम लियो ना लियो,
जिनके हृदय सिया राम बसें।।
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