जब से दरबार तेरे प्रभु आ रहे
क्या से क्या हो गये देखते देखते
गम के बादल जो सर पे थे मंडरा रहे
छट गये वो सभी देखते देखते
जब से दरबार तेरे प्रभु आ रहें
क्या से क्या हो गये देखते देखते।।
मैं खड़ा हूँ प्रभु तेरे दरबार में
ये तो तेरी कृपा है बस तेरी कृपा
दूर रखते थे हमको खुद से कभी
दूर रखते थे हमको खुद से कभी
अब करीब आ रहे देखते देखते
जब से दरबार तेरे प्रभु आ रहें
क्या से क्या हो गये देखते देखते।।
मैने पायी ना थी जब तेरी बंदगी
थी अंधेरों में पलती मेरी जिंदगी
तेरी ज्योति का जबसे उजाला मिला
तेरी ज्योति का जबसे उजाला मिला
है अँधेरे हटे देखते देखते
जब से दरबार तेरे प्रभु आ रहें
क्या से क्या हो गये देखते देखते।।
मैं तो लाचारियों से ही लाचार था
मेरा हरपल सिसकता सा परिवार था
मेरे परिवार का जब तू मुखियाँ बना
मेरे परिवार का जब तू मुखियाँ बना
बच्चे मुस्का रहे देखते देखते
जब से दरबार तेरे प्रभु आ रहें
क्या से क्या हो गये देखते देखते।।
इतने एहसान तुमने किये सांवरे
तेरा कैसे करूँ मै प्रभु शुक्रिया
हाथ खाली है आँखों में आंसू भरे
हाथ खाली है आँखों में आंसू भरे
ये बहे जा रहे देखते देखते
जब से दरबार तेरे प्रभु आ रहें
क्या से क्या हो गये देखते देखते।।
जब से दरबार तेरे प्रभु आ रहे
क्या से क्या हो गये देखते देखते
गम के बादल जो सर पे थे मंडरा रहे
छट गये वो सभी देखते देखते
जब से दरबार तेरे प्रभु आ रहें
क्या से क्या हो गये देखते देखते।।