जन्मे जन्मे कन्हैया रात बारह बजे,
कैसा सुंदर है नजारा रात बारह बजे,
जन्में जन्में कन्हैया रात बारह बजे।।
खुल गए ताले सो गए रखवाले,
जब आई सुहानी वो रात हो,
कोई ना समझे ये कोई ना जाने,
बस होने लगी वो बरसात हो,
ले वासुदेव चले गोकुल को बारह बजे,
जन्में जन्में कन्हैया रात बारह बजे।।
देवकी ने कन्या जाई सबको बताई,
चारों और ऐसा शोर फैला दिया,
कंस ने मारण तलवार उठाई,
कन्या नभ में गई सब छोड़ हो,
अरे देवी रूप लिया कन्या ने बारह बजे,
जन्में जन्में कन्हैया रात बारह बजे।।
गोकुल में अपनी लीला दिखाएं,
डांट मैया से खाई भगवान ने,
लिखके भजन ज्योति सबको बताएं,
चोरी माखन की की घनश्याम ने,
अरे कंकर मार के मटकी फोड़ी बारह बजे,
जन्में जन्में कन्हैया रात बारह बजे।।
जन्मे जन्मे कन्हैया रात बारह बजे,
कैसा सुंदर है नजारा रात बारह बजे,
जन्में जन्में कन्हैया रात बारह बजे।।