जग पे संकट आया बाबा,
मोरछड़ी लहराओ ना,
हार गया जग इस संकट से,
नीले चढ़ अब आओ ना,
जग पे संकट आयां बाबा,
मोरछड़ी लहराओ ना।।
इस संकट की आंधी बाबा,
बढ़ती बढ़ती जावे है,
हर प्रेमी अब तेरे आगे,
एक ही अर्ज़ी लगावे है,
इस संकट को हरने खातिर,
बाण तो एक चलाओ ना,
जग पे संकट आयां बाबा,
मोरछड़ी लहराओ ना।।
तेरे इस जग की बगिया के,
पुष्प गिरते जाए है,
धर के रूप काल माली का,
पुष्प चुनता जावे है,
बनके माझी आजा सांवरे,
नैया पार लगाओ ना,
जग पे संकट आयां बाबा,
मोरछड़ी लहराओ ना।।
अनसुना क्यों करते बाबा,
प्रेमी तुझे पुकारे है,
‘गौरव’ संग प्रेमी ये सारे,
बाबा तेरे दुलारे है,
अँखियाँ बरसे छम छम बाबा,
कोई तो राह दिखाओ ना,
जग पे संकट आयां बाबा,
मोरछड़ी लहराओ ना।।
जग पे संकट आया बाबा,
मोरछड़ी लहराओ ना,
हार गया जग इस संकट से,
नीले चढ़ अब आओ ना,
जग पे संकट आयां बाबा,
मोरछड़ी लहराओ ना।।