चारभुजा रा नाथ थारी
सेवा करा दिन रात
चारभुजा रा नाथ
थारी सेवा करा दिन रात
मेरे सिर पे रख दो हाथ
चारभुजा रा नाथ थारी
सेवा करा दिन रात।।
मेरी नजर के तुम
मेरे श्याम जी राजा
भक्ता की पीड़ हरे
दरबार में जो भी
आये तेरे बनके
उनके सब काज करे
खुशियों की दाता
देते तुम सबको सौगात
मेरे सिर पे रख दो हाथ
चारभुजा रा नाथ थारि
सेवा करा दिन रात।।
दर्शन देवो एक दिन
आकर के भजनों में
विनती हम रोज करे
अंधे को आँखे दी
निर्धन को धन देते
चाकरियाँ मोज करे
तेरे दर पे नाथ
होती कृपा की बरसात
मेरे सिर पे रख दो हाथ
चारभुजा रा नाथ थारि
सेवा करा दिन रात।।
जिसने भी ध्याया है
उसने ही पाया है
बड़े उपकार किये
जिनकी भी कश्ती का
तू है बना मांझी
वो भव से तार दिया
राजू का भी श्याम
देना मरते दम तक साथ
मेरे सिर पे रख दो हाथ
चारभुजा रा नाथ थारि
सेवा करा दिन रात।।
चारभुजा रा नाथ थारी
सेवा करा दिन रात
चारभुजा रा नाथ थारि
सेवा करा दिन रात
मेरे सिर पे रख दो हाथ
चारभुजा रा नाथ थारी
सेवा करा दिन रात।।