चरण कमल बंदों हरि राई,
जाकी कृपा पंगु गिरी लंगे,
अंधे को सब कछु दरसार्ई,
चरण कमल बंदों हरि राई।।
बहिरो सुने मुक पुनि बोले,
रंक चले सिर छत्र धराई,
चरण कमल बंदों हरि राई।।
सूरदास स्वामी करुणामय,
बार बार बंदो सिर नाई,
चरण कमल बंदों हरि राई।।
चरण कमल बंदों हरि राई,
जाकी कृपा पंगु गिरी लंगे,
अंधे को सब कछु दरसार्ई,
चरण कमल बंदों हरि राई।।
- मोहे तो प्रभु मिलन की आस भजन लिरिक्स
- ये वो चुरू का दरबार है जहाँ मिलता सदा प्यार है लिरिक्स
- दूल्हा बने रंगनाथ दुल्हन गोदा प्यारी है लिरिक्स
- आजा बेगो बनवारी आ गई मोटी बीमारी लिरिक्स
- श्री मंजू बाईसा आया पावनिया लिरिक्स
- जाएगा जब यहाँ से कुछ भी ना पास होगा भजन लिरिक्स
- मुक्ति का कोई तु जतन करले भजन लिरिक्स