हरियाणवी भजन गुरूजी थारा समचाणा दरबार स्वर्ग तं प्यारा लागे स
गुरूजी थारा समचाणा दरबार,
स्वर्ग तं प्यारा लागे स।।
गाम के धोरः भवन निराला,
गाम के धोरः भवन निराला,
प्रगट हो रे बजरंग बाला,
हो तेरे संग बैठे श्याम सरकार,
स्वर्ग तं प्यारा लागे स,
गुरूजीं थारा समचाणा दरबार,
स्वर्ग तं प्यारा लागे स।।
बणी समाधी गुरू मुरारी,
बणी समाधी गुरू मुरारी,
दुनिया जावः तेरी दवारी,
हो जब बरसे तेरा प्यार,
स्वर्ग तं प्यारा लागे स,
गुरूजीं थारा समचाणा दरबार,
स्वर्ग तं प्यारा लागे स।।
भवन के सयामी माँ का मंदिर,
भवन के सयामी माँ का मंदिर
ज्योती जगती आठों अंदर,
अरः र वा तो बैठी शेर सवार,
स्वर्ग तं प्यारा लागे स,
गुरूजीं थारा समचाणा दरबार,
स्वर्ग तं प्यारा लागे स।।
दरबारां में दुनिया आवः,
दरबारां में दुनिया आवः,
राजी हो क दर तं जावः,
अरः र तेरी हो री जय जय कार,
स्वर्ग तं प्यारा लागे स,
गुरूजीं थारा समचाणा दरबार,
स्वर्ग तं प्यारा लागे स।।
रोहित शर्मा तं सोप दी ताली,
रोहित शर्मा तं सोप दी ताली,
सचिन दहिया ने कलम चलाई,
अरः र यो विनोद स चाल,
स्वर्ग तं प्यारा लागे स,
गुरूजीं थारा समचाणा दरबार,
स्वर्ग तं प्यारा लागे स।।
गुरूजी थारा समचाणा दरबार,
स्वर्ग तं प्यारा लागे स।।
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