खाली नहीं लौटा कोई तेरे द्वार से
सबको मिला है तेरे दरबार से
खाली नहीं लौटा कोई तेरे द्वार से।।
खाटू वाले श्याम तेरी
महिमा निराली
तेरी चौखट से गया
कोई नहीं खाली
कुछ ना मिला हो जिसे
संसार से
उसको मिला है तेरे
दरबार से
खाली नही लौटा कोई
तेरे द्वार से।।
जो भी मंगता तेरे
दर पर आया
उसको दिया कर
कमलों का साया
मुंह मांगा वर दिया
उसे प्यार से
सबको मिला है तेरे
दरबार से
खाली नही लौटा कोई
तेरे द्वार से।।
जब जब भक्तों पर
संकट छाया
लीले पे सवार होके
श्याम बाबा आया
गली गली में गूंज उठी
जय जयकार से
सबको मिला है तेरे
दरबार से
खाली नही लौटा कोई
तेरे द्वार से।।
तू है महान तेरा
काम भी महान है
तूने ही तो दिया बाबा
शीश का दान है
श्याम नाम दिया तुझे
श्याम बड़े प्यार से
सबको मिला है तेरे
दरबार से
खाली नही लौटा कोई
तेरे द्वार से।।
खाली नहीं लौटा कोई तेरे द्वार से
सबको मिला है तेरे दरबार से
खाली नहीं लौटा कोई तेरे द्वार से।।