खाटू की गलियां फिर से
गुलज़ार हो जाये
दे दो इजाजत बाबा
तेरे द्वार आ जाये
खाटु की गलियां फिर से
गुलज़ार हो जाये।।
फिल्मी तर्ज भजन : अफसाना लिख रही हूँ।
जबसे तेरे पट बंद है
सुना जहान है
सुना जहान है
जयकारा फिर से तेरा
सरेआम हो जाए
दे दो इजाजत बाबा
तेरे द्वार आ जाये
खाटु की गलियां फिर से
गुलज़ार हो जाये।।
प्यारी छवि को देखे
एक अरसा हो गया
एक अरसा हो गया
अखियों को फिर से तेरा
दीदार हो जाए
दे दो इजाजत बाबा
तेरे द्वार आ जाये
खाटु की गलियां फिर से
गुलज़ार हो जाये।।
खुल जाए फिर से द्वारा
भक्तों के वास्ते
भक्तों के वास्ते
नवीन हम जैसो का
फिर से कल्याण हो जाए
दे दो इजाजत बाबा
तेरे द्वार आ जाये
खाटु की गलियां फिर से
गुलज़ार हो जाये।।
खाटू की गलियां फिर से
गुलज़ार हो जाये
दे दो इजाजत बाबा
तेरे द्वार आ जाये
खाटु की गलियां फिर से
गुलज़ार हो जाये।।