खाटू का राजा
दरश दिखाओ जी
म्हारो हिवड़ो ललचावे
मन हार्यो जावे जी।।
रींगस से खाटू
पैदल आवा जी
थारे तोरण द्वार पे
मैं शीश नवावा जी।।
ग्यारस ने थारे
ज्योत जगावा जी
बारस ने बाबा
थाने धोक लगावा जी।।
थारे हाथ में बंसी
लागे हद प्यारी
म्हारे नैणा बस जावे
थारी मूरत मतवाली।।
सांवरिया म्हाने
सेवक राखो जी
थारी सेवा में बाबा
मन म्हारो लागे जी।।
आकाश मुकुल की
विनती या ही
रोहित चावे
चरणा री चाकरी।।
खाटू का राजा
दरश दिखाओ जी
म्हारो हिवड़ो ललचावे
मन हार्यो जावे जी।।
तर्ज – बाला सा थाने कोण सजाया।