हरियाणवी भजन खटक मेरे बाबा की बाबा की हे मैं दौड़ी दौड़ी आई
गायक – नरेंद्र कौशिक जी।
खटक मेरे बाबा की बाबा की,
हे मैं दौड़ी दौड़ी आई।।
बालाजी मेरे नहालो ने,
नहालो ने,
मैं गंगा जल भर लयाई,
बालाजी मेरे नहाए रहे,
नहाए रहे,
मैं फुली नहीं समाई,
खटक मेरें बाबा की बाबा की,
हे मैं दौड़ी दौड़ी आई।।
बालाजी मेरे पहनों ने,
पहनों ने,
तेरा लाल चौला लयाई,
बालाजी मेरे पहन रहे,
पहन रहे,
मैं फुली नहीं समाई,
खटक मेरें बाबा की बाबा की,
हे मैं दौड़ी दौड़ी आई।।
बालाजी मेरे जीमो ने,
जीमो ने,
मैं खीर चुरमा लयाई,
बालाजी मेरे जीम रहे,
जीम रहे,
मैं फुली नहीं समाई,
खटक मेरें बाबा की बाबा की,
हे मैं दौड़ी दौड़ी आई।।
बालाजी मेरे काटो ने,
काटो ने,
तेरे दर पे संकट लयाई,
बालाजी मेरे काट रहे,
काट रहे,
मैं फुली नहीं समाई,
खटक मेरें बाबा की बाबा की,
हे मैं दौड़ी दौड़ी आई।।
खुशियां बाटो ने बाटो ने,
तेरे भरे हुये भण्डारे,
बालाजी मेरे बांट रहे,
बांट रहे,
मैं फुली नहीं समाई,
खटक मेरें बाबा की बाबा की,
हे मैं दौड़ी दौड़ी आई।।
खटक मेरे बाबा की बाबा की,
हे मैं दौड़ी दौड़ी आई।।
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