हरियाणवी भजन काला काला कहवे र गुजरी भजन लिरिक्स
गायक – नरेंद्र कौशिक।
काला काला कहवे र गुजरी,
मत काले का जिक्र करै,
काले रंग पे मोरनी रुदन करै,
काला काला कहवे र गुजरी।।
मोटे मोटे नैन राधा के,
जिसमें सुरमा खुब सजै,
काले रंग पे मोरनी रुदन करै,
काला काला कहवे र गुजरी।।
लाम्बे लाम्बे केश राधा के,
जिसमें मांग सिंदूर भरै,
काले रंग पे मोरनी रुदन करै,
काला काला कहवे र गुजरी।।
लाम्बे लाम्बे पंख मोर के,
जिसके सिर पर मुकुट सजै,
काले रंग पे मोरनी रुदन करै,
काला काला कहवे र गुजरी।।
हरे हरे बासां की हरी मुरलिया,
जिसका खोया जगत फिरै,
काले रंग पे मोरनी रुदन करै,
काला काला कहवे र गुजरी।।
काला काला मेरा सावंरिया,
जिसकी सुरत या मन में बसे,
काले रंग पे मोरनी रुदन करै,
काला काला कहवे र गुजरी।।
काला काला कहवे र गुजरी,
मत काले का जिक्र करै,
काले रंग पे मोरनी रुदन करै,
काला काला कहवे र गुजरी।।
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