करो श्याम मुझ पर इतना करम,
तेरी सेवा भक्ति में रहूं मैं मगन,
करों श्याम मुझ पर इतना करम।।
तुम्हारे सिवा है ना कोई हमारा,
पड़े जब जरुरत तो देना सहारा,
पड़े जब जरुरत तो देना सहारा,
तुम्हारे भरोसे ही जीते है हम,
तेरी सेवा भक्ति में रहूं मैं मगन,
करों श्याम मुझ पर इतना करम।।
मुझे अपने दर का चाकर बना लो,
मेरी सेवाभक्ति भी तुम आजमा लो,
मेरी सेवाभक्ति भी तुम आजमा लो,
करो भी कबूल मेरे श्रद्धा सुमन,
तेरी सेवा भक्ति में रहूं मैं मगन,
करों श्याम मुझ पर इतना करम।।
कितनों को तुमने दर्शन दिया है,
जिसने जो माँगा उसको दिया है,
जिसने जो माँगा उसको दिया है,
कभी मेरे घर भी रख दो कदम,
तेरी सेवा भक्ति में रहूं मैं मगन,
करों श्याम मुझ पर इतना करम।।
करो श्याम मुझ पर इतना करम,
तेरी सेवा भक्ति में रहूं मैं मगन,
करों श्याम मुझ पर इतना करम।।