ओ नेजाधारी,
जी लाज रखो म्हारी,
कर लीले की असवारी,
पधारो म्हारा पावना,
थारा भगत करे है,
थारी ध्यावना।।
पिछम धरा स्यु म्हारा,
पीर जी पधारिया,
धोली ध्वजा फहराओ जी,
रानी नेतल के संग में,
आओ म्हारा कंवरा,
डाली बाई हरिजस गावे जी,
लाछा सुगना करे आरती,
हरजी चंवर ढुलावे,
छवि प्यारी दिखाओ अवतारी,
सजाओ फुलवारी,
जगाओ मन में भावना,
थारा भगत करे है,
थारी ध्यावना।।
शुभ दिन आयो,
थारी ज्योत जगाई,
प्रेम रो बरसे सावनियो,
रुनझुन रुनझुन आप पधारो,
पगल्या रमाओ म्हारे आंगनिये,
मन हर्षावे आनंद पावे,
‘गोपालो’ है गावे,
मन की वीणा,
में धुन बाजे थारी,
अरज सुनो म्हारी,
थे तन्दुरा बजावनिया,
थारा भगत करे है,
थारी ध्यावना।।
वीणा रे तन्दुरा थारी,
नोबत बाजी,
झालर री झनकार पड़े,
घिरत मिठाई बाबा,
चढ़े थारे चूरमो,
धुप गूगल मेहकार उड़े,
थारी किरपा ओ म्हारा बाबा,
मैं तो सगळा पावां,
म्हारे घरा थे पीर जी पधारो,
थे मन हर्षाओ,
जी जगमग ज्योत जगावनिया,
,
थारा भगत करे है,
थारी ध्यावना।।
ओ नेजाधारी,
जी लाज रखो म्हारी,
कर लीले की असवारी,
पधारो म्हारा पावना,
थारा भगत करे है,
थारी ध्यावना।।