दुर्गा माँ भजन आ दरश दिखा दे मेरी माँ तुझे तेरे लाल बुलाते है भजन…
स्वर – सौरभ मधुकर।
तर्ज – आ लौट के आजा मेरे मीत।
आ दरश दिखा दे मेरी माँ,
तुझे तेरे लाल बुलाते है,
तुझे रो रो पुकारे मेरे नैन,
तुझे रो रो पुकारे मेरे नैन,
तुझे तेरे लाल बुलाते है,
आ दरश दिखा दे मेरी मां,
तुझे तेरे लाल बुलाते है।।
आँखों के आंसू सूख चुके माँ,
अब तू दरश दिखा दे,
कब से खड़ा माँ दर पे तेरे,
मन की तू प्यास बुझा दे,
तेरी लीला निराली मेरी माँ,
तुझे तेरे लाल बुलाते है,
आ दरश दिखा दे मेरी मां,
तुझे तेरे लाल बुलाते है।।
बीच भंवर में नैया पड़ी माँ,
आकर तू पार लगादे,
तेरे सिवा माँ कोई नहीं है,
आकर तू गले से लगा ले,
क्यूँ देर लगावे मेरी माँ,
तुझे तेरे लाल बुलाते है,
आ दरश दिखा दे मेरी मां,
तुझे तेरे लाल बुलाते है।।
डूब रहा है सुख का सूरज,
गम की बदरिया है छाई,
उजड़ गयी बगिया जीवन की,
मन की कलि मुरझाई,
करे विनती ये सेवक माँ,
तुझे तेरे लाल बुलाते है,
आ दरश दिखा दे मेरी मां,
तुझे तेरे लाल बुलाते है।।
आ दरश दिखा दे मेरी माँ,
तुझे तेरे लाल बुलाते है,
तुझे रो रो पुकारे मेरे नैन,
तुझे रो रो पुकारे मेरे नैन,
तुझे तेरे लाल बुलाते है,
आ दरश दिखा दे मेरी मां,
तुझे तेरे लाल बुलाते है।।
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