आई फागण की ग्यारस,
आपा पैदल चालां ला रे,
खाटू श्याम जी,
हारे का सहारो म्हारो,
लखदातार खाटू श्याम जी,
आई फागण की ग्यारस,
आपा पैदल चालां ला रे,
खाटू श्याम जी।।
अहलवती को कंवर लाडलो,
भगता को रखवालो है,
तीन बाण धारी मारो बाबो,
लीले घोड़े वालो है,
दीन दुखिया रो बाबो,
करे बेड़ो पार,
खाटू श्याम जी,
आयी फागण की ग्यारस,
आपा पैदल चालां ला रे,
खाटू श्याम जी।।
कलयुग में हो बाबा थारो,
पर्चो हद भारी है,
तू ही म्हारो कृष्ण कन्हैयो,
बण आयो अवतारी है,
जो कोई साचे मन सु ध्यावे,
बेड़ो कर दे पार,
खाटू श्यामजी,
आयी फागण की ग्यारस,
आपा पैदल चालां ला रे,
खाटू श्याम जी।।
खाटू माहि विराजे बाबो,
सब का कष्ट मिटावे है,
भक्त मंडल चरणों में बाबा,
आकर शीश नवावे है,
‘लोचन’ की अर्जी सुन लीजो,
करजो बेड़ो पार,
खाटू श्याम जी,
आयी फागण की ग्यारस,
आपा पैदल चालां ला रे,
खाटू श्याम जी।।
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गायक- श्री सम्पत दाधीच
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